सावन की तरह हो तुम,
बारिश भी बन जाओ कभी !!
बारिश भी अगर ना संभव हो,
फुहार ही बन जाया करो !!
बारिश भी हो उतनी ही बस,
किचकिच ना जादा हो पाये !!
इस प्यार का भी कुछ ऐसा है,
ना सर फूटव्वल बन जाये !!
तारीफ समझना सीख जाओ,
उस दिन सब लफड़े रूक जायें !!
इस चाहत का कुछ ऐसा है,
ना माथापच्ची बन जाये !!
अब झगड़ा-वगड़ा नहीं करना,
अपनी ज़िन्दगी में खुशी रहे !!
हर दिन ये सोच तो रहता है,
बस सोच ना बनके ही रह जाये !!
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वेदव्यास मिश्र की प्रेम😍मनुहार कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




