इतना सुकून है कि खाली बैठे हैं
ना दवा की जरूरत है
ना दुआ की जरूरत है
और इतना ग़म दे बैठे हैं
ना खुद की जरूरत है
ना खुदा की जरूरत है।।
रिश्ते जिंदा रहे तो निशानी है
बाकी मरने पर तो सिर्फ राख उड़ानी है
हो तुम किसी और के
इतनी तो निगाह रखते हैं
हम भी हैं तुम्हारे
कितने अब गवाह रखते हैं
दे रखी है ज़ुबां हमें भी
पर दिल में तुम्हारे लिए दुआ रखते हैं।
माना कि इश्क़ हो जाता है
माना कि इश्क़ हो जाता है
दावा कितनों का है उन्हें भी हो जाएगा।।