( कविता ( झगड़ा )
कभी बीबी से मियां का झगड़ा है
कभी मियां से बीबी का झगड़ा है
अरे ये कैसा लफड़ा है?
कभी बच्चों से मां बाप का झगड़ा है
कभी मां बाप से बच्चों का झगड़ा है
अरे ये कैसा लफड़ा है?
कभी आदमी से आदमी का झगड़ा है
कभी औरत से औरत का झगड़ा है
अरे ये कैसा लफड़ा है?
ऐसा न करो मानो जरा
हकीकत जानो जरा
झगड़े में तो सिर्फ़ लड़ाई है
झगड़ा न करो इसी में भलाई है
झगड़ा न करो इसी में भलाई है.......