शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार,
सब जगह है,भ्रष्टाचार।
विकास थम गया है,
बढ़ रहा है, अंधकार।
गरीबों का जीवन दयनीय।
अमीरों का है तूफान।
भ्रष्टाचार की इस मृत्यु की,
कौन करेगा निंदा?
भ्रष्टाचार की अग्नि जल रही है,
न्याय को जिंदा।
उठो मिलकर ऐ देशवासियों,
करो इस बुराई का नाश,
भ्रष्टाचार की जड़ को मिटाओ ऐ!"विख्यात"
लाओ देश में नया प्रकाश।