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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

रूठी हुई हो तुम

रूठी हुई हो तुम,
तुम्हें कैसे मनाऊँ हे प्रिय।
ऐसा करुँ मैं क्या—
तेरे ह्रदय को झंकृत कर सकूं।

प्रेम तेरा मेरे ह्रदय में हिलोरे ले रहा,
प्रेम का प्याला तेरे ह्रदय में
कैसे छलकाऊं प्रिय।

तुम ही बता दो—
तेरे ह्रदय को कैसे पिघलाऊं प्रिय।
गली के मोड़ से जब मुड़कर देखती थीं तुम मुझे,
मैंने समझा तेरे ह्रदय में भी
प्रेम का दीपक जला।

तेरी ख़ामोशी का क्या मतलब निकालूं हे प्रिय।
तुम जो कह दोगी—
तो तुमसे दूर हो जाऊंगा मैं।
वादा है तुमसे उम्र भर,
तुम्हें ना पाऊँगा मैं।

तेरी नज़र के सामने
फिर कभी ना आऊंगा मैं।
तुम ख़ुश रहो—
ईश्वर से ये दुआ करूंगा मैं सदा।

दे दो इजाज़त दूर से ही
दीदार कर लूँ मैं तेरा।
तेरे उदास अधरों पर
कैसे मुस्कान लाऊँ ओ प्रिय।

तुम ही बता दो—
मैं तुम्हें कैसे मनाऊँ हे प्रिय।
रूठी हुई हो तुम,
तुम्हें कैसे मनाऊँ ओ प्रिय।

— सरिता पाठक




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

पवन कुमार "क्षितिज" said

वाह..कमाल लिखा..ये पढ़कर तो कोई रूठा नहीं रह पाएगा..👌👌👌

सरिता पाठक replied

धन्यवाद पवन भईया जी सादर नमस्कार 🙏

फ़िज़ा said

Bahut khoob likha hai aapne 👏👏

सरिता पाठक replied

शुक्रिया फ़िज़ा बहन, आदाब 🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह!! सरिता बहन। बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण रचना। नायक के द्वारा नायिका को मनाने की कवायद,हर संभव प्रयास, उसके हर खामोशी को हंसी में बदलने की दिली तमन्ना। पवित्र भावनाओं का भावमयी चित्रण।👌🌹🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ही ख़ूबसूरत और बेहतरीन रचना लिखी है आपने, सरिता जी! आप हमेशा लाजवाब लिखती ही हैं! वाह बहुत ख़ूब! आदाब, सरिता जी! 👌👌👏👏❤️🙏

सरिता पाठक replied

बहुत बहुत शुक्रिया परवेज़ भाई जी तहेदिल से आपको आदाब 🙏🙏

Lekhram Yadav said

अगर आपको मनाने की कोई तरकीब मिल जाए तो हमें भी बताना, हमें भी किसी को मनाना है सरिता जी, बहुत खूबसूरत प्रस्तुति के संग एक खूबसूरत रचना 🙏।

सरिता पाठक replied

धन्यवाद यादव भईया जी, सादर प्रणाम 🙏🙏

सुप्रिया साहू said

जैसे भी हो सके मना लीजिए उन्हें, हमें उम्मीद है वो आपसे ज्यादा देर तक नाराज़ नहीं रह पाएंगे, बहुत खूबसूरत रचना मैम 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

सरिता पाठक replied

धन्यवाद सुप्रिया बहन 🙏🌹

रीना कुमारी प्रजापत said

Apna ho to manata zarur hai... Bahut sundar rachna

सरिता पाठक replied

धन्यवाद रीना 🌹❤️

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