मोरे पिया मोसे रूठे
मोरे पिया मोसे रूठे
नैना बरबस नीर बहाए
मनवा कछु समझ ना पाए
किससे बतियायें दिल की बातें
कौन रीत हाय! पिया को मनायें
कौन किये अपराध हो रामा
मोरे पिया ..
हसि हसि रतिया बीती बतियाते
भोरे से बैठन रिसियाते
देखें फुलवारियां हो रामा
एक पलक ना निहारें
मोरि ओरिया हो रामा
मोरे पिया
कहां गयी तोहरि रसभरी बतिया
भूल गए सब कसमें वादे
रूठती मैं तो तुम थे मनाते
हुई क्या भूल कि ऐसे खीझे
मोरे पिया मोसे रूठे..
#अर्पिता पांडेय