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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

रूठ गये है बदरा

रूठे गये है बदरा

तितली से लेकर पंख उधार
उड़ जाऊंगी में बादलों के पार
कुशल क्षेम पूछकर उसका
तपती धरती का हाल बताऊंगी
बातें करूंगी कुछ देर इधर-उधर
बरखा में हो गयी बहुत देर
अनबन हो गयी हमारी तुम्हारी
क्या जो तुम रूठे बैठे हो
भूल जाओ अब पुरानी बातें
हम नहीं करेंगे प्रकृति से खेल
उससे रखेंगे सदा मेल
अब तो बोलो मीठे बोल
थोड़ा चमको थोड़ा गरजो
कभी धीमा कभी जोर से बरसों
पशु पक्षी सब आकुल है
बेतहाशा प्यासे अरु आतुर है
इनका दर्द तो तुम समझो
प्यारे बदरा अब तो बरसों
✍️#अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत बढ़िया 👌🙏

अर्पिता पांडेय replied

Thank you so much 🙏

Lekhram Yadav said

नमस्कार अर्पिता जी। आपकी रचना बहुत सुन्दर है।आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।

अर्पिता पांडेय replied

Koti koti dhanyawad sir ji sadar naman hai apko

Shyam Kumar said

Very nice

अर्पिता पांडेय replied

बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय 🙏🙏

कमलकांत घिरी said

इस बरखा की जरूरत तो हमारे गांव वालों को भी बेसब्री से है दीदी जी लगता है आज उनका ये सब्र खत्म हो जाएगा आपकी पंक्तियों से बरखा जो बरस रही है, बहुत सुंदर प्रस्तुति दीदी जी 👌👏🙏।।प्रणाम।।

अर्पिता पांडेय replied

बहुत बहुत धन्यवाद भैया जी

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