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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

आया है दीवाना तेरा

कापी राइट रचना

काश मिल जाए मुझे पता ठिकाना तेरा
आया है तेरी गलियों में ये दीवाना तेरा

ले लो मेरे सारे ये सोने चांदी के गहने
जाके कोई ये कह दो आया है दीवाना तेरा

न चाहत है ताज की न तमन्ना है राज की
झलक दिखा दे अब न दिल दुखा मेरा

ढ़ूंढ़ रहा हूं तुझे मैं इस गली से उस गली
कर दे ना मुझे पागल ये अफसाना तेरा

बेचैन है ये दिल झलक पाने को तेरी
आगे न निकल जाए कहीं ये दीवाना तेरा

तेरा दीदार ही मेरी है आखरी मंजिल
भटक जाए न गलियों में ये दीवाना तेरा

आ रही है मिलन की अब ये घङी आखरी
आ जाओ बुला रहा है ये दीवाना तेरा

छोङ कर ये दुनियां चला न जाए यादव
मिल न जाए कहीं रब से दीवाना तेरा
लेखराम यादव
(मौलिक रचना)


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut hi pyari ghazal Sir ...Garmi M Idhar udhar kisi ki galiyon m aap ghum to rahe hain chhata sath lelijiye barsaat ka pata nahi paara bahut garam hai...

Lekhram Yadav replied

सर आपके द्वारा आशिर्वाद रूपी छाता मौजूद है जो गर्म पारे को भी बर्फ की तरह ठंडा रखता है। तारीफ के लिए शुक्रिया

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर ग़ज़ल

Lekhram Yadav replied

नमस्कार एव॔ सुस्वागतम प्यारी बहना।

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