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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

रिक्शा वाला - नेत्र प्रसाद गौतम

बेचारा भईय्या रिक्शा वाला,
सीधा-सादा और है भाेला भाला।।१।।

सुबेर उठते ही रिक्शे काे चलाता,
उस पर बैठा कर दूर-दूर लाेगाें काे ले जाता।।
जब लाेगाें काे उनके द्वार पहूंचाता,
बदले में रुपये भी बहुत कम पाता।।
श्रम कर न मजदूरी न मिले ज्याला,
बेचारा भईय्या रिक्शा वाला।।२।।

सुबेर से भूखे पेट न पीया न खाया,
रिक्शा चलाते-चलाते दाेपहर भी आया ।।
तेज धूप में भी चलता रिक्शा ले कर,
शरीर से निकलता पसीना तर तर।।
बहा कर भी पसीना न खूले किस्मत का ताला,
बेचारा भईय्या रिक्शा वाला।।३।।

दाेपहर बाद फिर हाे गई शाम,
न करे वह एक क्षण भी आराम।।
थक कर भी रिक्शा चलाता,
लाेगाें काे बैठने के लिए बुलाता।
रिक्शा चला-चला कर है चमड़ी काला,
बेचारा भईय्या रिक्शा वाला।।४।।

कई लाेग मिलते उसे ऐसे भी,
रिक्शे पर बैठ कर देते नहीं पैसे भी।।
कभी कभी लाेग ईतना जुलम ढाते,,
उस पर तरस काेई भी नहीं खाते।।
कभी पड़े उसे बुरे लाेगाें का पाला,
बेचारा भईय्या रिक्शा वाला।।५।।

अपने बिबी बच्चाें काे कैसे वह खिलाएगा,
रिक्शा वाला रिक्शा कब तक चलाएगा।।
अब जीवन है उसका बनाना,
गरीबी रेखा से उपर उसे है उठाना।।
जिंदगी है अंधेरा कब हाेगा उजाला,
बेचारा भईय्या रिक्शा वाला।।६।।
बेचारा भईय्या रिक्शा वाला.......

----नेत्र प्रसाद गौतम




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

डॉ कृतिका सिंह said

Sundar Rachna Ek Ricksaw chalak ki bhavnayein khud mahsoos karke aapne ise apne behtar insaan hone ka pramaan diya hai, uske sath sath rachna ke madhyam se ek bada hi sandesh bhi.

नेत्र प्रसाद गौतम replied

प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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पुस्तक समीक्षा: "The Flower of Word" (Hindi) - By Vedvyas Mishra

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