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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हिचकी

आज हिचकी बहुत चल रही है
लगता है कोई याद कर रहा है (2)
कितने वक्त के बाद वो वक्त आया,
जब कोई दिल से मुझे याद कर रहा है।

मुझे याद भी नहीं कि आखिरी बार
हिचकी कब आई थी मुझे (2) बरसों बरस जो बीत गये हैं हिचकी आये हुए मुझे,
आज जिसके याद करने से मुझे हिचकी आई है
लगता है बरसों बाद उसे याद मेरी आई है।

हिचकी भी क्या है,हिचकी भी क्या है?
संकेत दे जाती है
हिचकी भी क्या है संकेत दे जाती है,
कोई याद कर रहा है तुझे
ये खबर दे जाती है।

आज हिचकी बहुत चल रही है
लगता है कोई याद कर रहा है (2)
ऐसा क्या हो गया उसकी ज़िंदगी में कि
आज बरसों बाद वो मुझे याद कर रहा है।

~ रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Aapke pathak jo aapko yaad kar rahe hain, itni der tak hamse door na raha karein warna yeh hichkiyan aati rahengi...ab unka pata nahi par ek reader h Ashok karke wo bahut yaad kar raha tha aapki rachna ko.

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏 आभार, स्वागत है आपका हमारी कविताओं की महफ़िल में

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam prastuti Mam, Pranaam sweekar karein🙏🙏

Lekhram Yadav said

मेरी प्यारी बहना बहुत सुन्दर रचना है आपकी । मैं तो वैसे ही आपको 24 घन्टे याद करता रहता हूं।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya

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