Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

हम तेरे काबिल थे ऐ महबूब

हम तेरे क़ाबिल थे ऐ महबूब,
क्यों तूने हमे अपने क़ाबिल समझा नहीं।
हम किसी के पैरों की धूल नहीं,
माथे पर लगने वाला चंदन थे
पर तूने हमे कभी कुछ समझा ही नहीं।

जानते हैं पछतावा अब बहुत है तुम्हें,
सोच रहा है ऐसा किया क्यों मैंने,
जानते हैं पछतावा अब बहुत है तुम्हें,
सोच रहा है ऐसा किया क्यों मैंने।
ये थी मेरी बद नसीबी
या बह गया था मैं किसी के बहकावे में।

आज हर पल तू दर्द महसूस कर रहा है,
सोच रहा है, क्यों छोड़ दिया था मैंने उसे।
नावजुद कहकर जिसे ठुकराया था मैंने,
आज वजूद उसका कितना चमक रहा है।

जानते हैं पछतावा अब बहुत है तुझे
देख मेरी कामयाबी, सोच रहा है ठुकरा दिया मैंने किसे ?
क्या यही है मेरी नाकामयाबी।

समझ रहे हैं अब तेरे दिल का हाल क्या है,
सोच रहा है तू, मैंने कितना ग़लत समझ लिया था उसे। मेरी अक्ल पर पत्थर पड़े थे,
जो नाचीज़ समझ लिया था मैंने उसे।
-रीना कुमारी प्रजापत




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Bhushan Saahu said

Bahut sahi...insan ki kimat uske bichhdane ke bad hi hoti h.

Lekhram Yadav said

मेरी प्यारी बहना कविता अच्छी है , लोग सिर्फ कविता ही पढ़ेंगे आप के दिल का हाल सिर्फ आप ही अनुभव करेंगी।

रीना कुमारी प्रजापत replied

यही हक़ीक़त है खुद को खुद ही समझ सकते हो और कोई नहीं... बहुत बहुत आभार आपका

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sundar rachna bahut khoob aapki kalpnik kavitayein bhi wastvik prateet hoti hain sab kalam aur bhavnaon ka kamaal hai...✍️👏👏👌👌🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी धन्यवाद!

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन