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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

टूट गया आँखों का ख्वाब-ताज मोहम्मद

टूट गया आँखों का ख्वाब।
अब क्या दिन व क्या रात।।1।।

क्षीण हुई हृदय की शक्ति।
ना रही भगवान में भक्ति।।2।।

जीवन का यह कैसा क्षण।
जैसे हो सब युद्ध का रण।।3।।

सासे है यह उखड़ी-उखड़ी।
जैसै हो बिन जल की मछली।।4।।

झूठी आशा मिली है कैसी।
आंखे देखो दर्श को तरसी।।5।।

मेघ भी है कब से ना बरसे।
पेड़-पौधे है जल को तरसे।।6।।

अब ना रहा किसी का भय।
बोलो भारत माता की जय।।7।।

खुद की कस्तूरी को तरसी।
देखो मृग की तृष्णा कैसी।।8।।

सबरी के है मन के श्री राम।
मीरा की भक्ति के घनश्याम।।9।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Keshav Atri said

Adbhut rachana. Sadar naman ha aapko or aapki rachna ko. 🙏🙏👏👏

ताज मोहम्मद replied

धन्यवाद।

Lekhram Yadav said

जान लिया मकसद हमने जान लिया हमने अन्जाम रचना ये अद्भुत है तेरी ताज भाई जय श्रीराम।

ताज मोहम्मद replied

जय श्री राम भाई जी।

Shakshi said

जीवन का यह कैसा क्षण। जैसे हो सब युद्ध का रण।। wow very nice.

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