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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

रंजित दीक्षित जी की रचना - ये फ़ैसला कहां पर होता है?

इक को कोख मिले रानी की
इक को मिले भिखारिन की
एक जन्म लेता महलों में
एक फ़ुटपाथ पे होता है!

नाइंसाफी के ये बीज
कौन भाग्य में बोता है
नहीं समझ में आता
ये फ़ैसला कहां पर होता है?


कुछ कहते कर्मो का फल
कुछ कहते खेल नसीबों का
मेहनत का फल कहकर कुछ
भटकाते ध्यान ग़रीबों का!

साहूकार की मंडी में
मजबूर का सब कुछ बिकता है
मेहनत कर अपना नसीब
गर हर कोई ही लिख सकता है


फिर बिन मेहनत ही साहूकार
कैसे क्योंकर इतना अमीर
जीवन भर मेहनत बाद श्रमिक
क्यों रहता है मुफ़लिस फ़कीर?

क्यों दूजों की मेहनत पर
छप्पन भोग उड़ाते जमींदार
धरती का पुत्र निर्धन किसान
क्यों खाली पेट ही सोता है?


किसकी झोली चांद सितारे
किसके दामन में अंगारे
किसकी राहें रौशन रौशन
किसके हिस्से हैं अंधियारे

अस्तित्व के पहले कर्मबीज
ये जीव कहां पर बोता है?
कोख से पहले गोरखधंधा
शुरू कहां से होता है?


नाइंसाफी के ये बीज
कौन भाग्य में बोता है
नहीं समझ में आता
ये फ़ैसला कहां पर होता है?
नहीं समझ में आता
ये फ़ैसला.......?

रंजित दीक्षित
16 मई 2024




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

अध्भुत लेखन बेहतरीन रचना और उचित अनुचित के सन्दर्भ में काबिले तारीफ तार्किक सवालात

Ranjit replied

श्रीमान अशोक कुमार पचौरी जी - गहरे सवालों के इस मुख्र्तसर सफ़र में आप मेरे हमसफ़र बने ये ऐहसास बहुत गहरा है! आपकी तारीफ़ के लिए दिल से शुक्रिया. रंजित दीक्षित

डॉ कृतिका सिंह said

बहुत खूब बहुत बढ़िया

Ranjit replied

शुक्रिया!

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