इक को कोख मिले रानी की
इक को मिले भिखारिन की
एक जन्म लेता महलों में
एक फ़ुटपाथ पे होता है!
नाइंसाफी के ये बीज
कौन भाग्य में बोता है
नहीं समझ में आता
ये फ़ैसला कहां पर होता है?
कुछ कहते कर्मो का फल
कुछ कहते खेल नसीबों का
मेहनत का फल कहकर कुछ
भटकाते ध्यान ग़रीबों का!
साहूकार की मंडी में
मजबूर का सब कुछ बिकता है
मेहनत कर अपना नसीब
गर हर कोई ही लिख सकता है
फिर बिन मेहनत ही साहूकार
कैसे क्योंकर इतना अमीर
जीवन भर मेहनत बाद श्रमिक
क्यों रहता है मुफ़लिस फ़कीर?
क्यों दूजों की मेहनत पर
छप्पन भोग उड़ाते जमींदार
धरती का पुत्र निर्धन किसान
क्यों खाली पेट ही सोता है?
किसकी झोली चांद सितारे
किसके दामन में अंगारे
किसकी राहें रौशन रौशन
किसके हिस्से हैं अंधियारे
अस्तित्व के पहले कर्मबीज
ये जीव कहां पर बोता है?
कोख से पहले गोरखधंधा
शुरू कहां से होता है?
नाइंसाफी के ये बीज
कौन भाग्य में बोता है
नहीं समझ में आता
ये फ़ैसला कहां पर होता है?
नहीं समझ में आता
ये फ़ैसला.......?
रंजित दीक्षित
16 मई 2024