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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी

संविधान सभा ने लम्बी चर्चा के बाद 14 सितम्बर सन् 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा स्वीकारा गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा के सम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये 14 सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। ध्यातव्य है कि भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा का उल्लेख नहीं है।

14 सितम्बर की शाम को संविधान सभा में हुई बहस के समापन के बाद जब संविधान का भाषा सम्बन्धी तत्कालीन भाग 14 क और वर्तमान भाग 17, संविधान का भाग बन गया तब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने अपने भाषण में बधाई के कुछ शब्द कहे। उन्होंने कहा, "आज पहली ही बार ऐसा संविधान बना है जब कि हमने अपने संविधान में एक भाषा रखी है, जो संघ के प्रशासन की भाषा होगी। इस अपूर्व अध्याय का देश के निर्माण पर बहुत प्रभाव पड़ेगा"। उन्होंने इस बात पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि संविधान सभा ने अत्यधिक बहुमत से भाषा-विषयक प्रावधानों को स्वीकार किया।

संविधान की धारा 343(1) के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप (अर्थात 1, 2, 3 आदि) है।

यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अन्तर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मन्त्रालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों द्वारा निर्धारित किया गया है।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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Sanjay Srivastva said

रोचक तथ्य, हिंदी दिवस की शुभकामानयें🪴

उपदेश कुमार शाक्यावार said

हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ 🙏🏻🙏🏻

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर, सही एवं सटीक जानकारी। अज्ञानतावश हिंदी को राष्ट्रभाषा कहते हैं, जबकि ये दर्जा हिंदी को कभी दिया ही नहीं गया। आपके लेख के माध्यम से अब सभी वास्तविकता से अवगत हो जाएंगे। इस सराहनीय कार्य हेतु हार्दिक बधाई।🙏🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

जी सुभाष जी उद्देश्य यही है सभी जाने कि भारत की कोई राष्ट्र भाषा नही है...आपका आभार और आदर 🙏🏻🙏🏻

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