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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

राम जी की घोड़ी

राम जी की घोड़ी
इतने दिनों बाद एक कीट देखा
देखते ही उस पर नज़र टिक गई
न ही उसे उड़ाने की इच्छा से और न ही डर से
दिल किया पूछ लूँ
कि इतने समय बाद क्यों दिखा
आपको भी थोड़ी तो इच्छा जागी होगी
ऐसा कौन सा कीट होगा
जो बचपन के दोस्त जैसा लग रहा होगा
चलिए बता देते हैं ,राज़ उठा देते हैं
बहुत लोग उसे टिड्डी बोलते होंगे
पर हम उसे “राम जी की घोड़ी” बोलते थे
जैसे ही देखा ,देखते ही फोटो खींच ली
ऐसी ही छोटी छोटी बातों से लगता है
कि बचपन कभी कहीं नहीं जाता
हमारी यादों में रह कर हमारे चेहरे की मुस्कान को हमेशा जिन्दा रखता है ..
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

रमेश चंद्र said

बहुत ही वास्तविक

वन्दना सूद replied

😊

Ankush Gupta said

अच्छा कहा आपने मैं भी देखा है 🤗🤗

वन्दना सूद replied

Bachpan to kamaal hi hota hai

Kapil Kumar said

बचपन में बारिश के मौसम में बहुत दिखते थे अब तो ना वह बारिश है ना वह बचपन ना अब समय, बचपन तो कब का खो गया

वन्दना सूद replied

Pollution ne climate change kar diya

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