खुले आसमान में देखकर अच्छा लगता।
जब याद करता हूँ तो प्यार बच्चा लगता।।
नींद आने पर तैरने लगते हैं ख्वाब अजूबे।
कुछ का नाता मुझसे होता सच्चा लगता।।
दूर तक साथ देने वाले होते होंगे फरिश्ते।
बीच में छोड़कर जाने वाला बच्चा लगता।।
ख्वाब बिखर गये उनके आते ही रास्ते में।
रात कटते ही सुबह सबको अच्छा लगता।।
आराम मिलता है तुम्हारी याद में 'उपदेश'।
बिछुड़ जाने के बाद साथ कच्चा लगता।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद