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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

पुरानी बातें - सुप्रिया साहू

आज मैंने उसके और मेरे पुराने चैट्स पढ़े,पढ़कर अच्छा तो लगा मगर बहुत बुरा भी लगा। अच्छा इसलिए लगा कि पहले मैं अच्छे से बात करती थी उससे, गुस्सा कम करती थी, गुस्सा हो जाने पर जल्दी मान जाती थी,और बुरा इसलिए लगा क्योंकि अब मैं पहले जैसे बात नहीं करती हूं, गुस्सा रहती हूँ दिनभर, पहले उसका अच्छे से ख्याल रखती थी, अब गुस्सा बहुत आता है इसलिए उसका ठीक से ख्याल भी नहीं रख पाती। न जाने क्या हो गया है मुझे?मैं खुद से ही सवाल कर रही हूँ। न जाने क्या हो गया है मुझे, मैं क्यों नहीं समझ पा रही हूँ कुछ भी। मैं पुरानी सुप्रिया क्यों नहीं बन पा रही हूँ? आखिर हो क्या गया है मुझे जो मैं समझदार से नासमझ हो चुकी हूँ ?इन सवालों के जंजीरों से मै कब निकल पाऊंगी, ये प्रश्न मेरे दिमाग में हर वक्त घूमते रहता है। क्या मैं कभी पहले जैसी सुप्रिया बन पाऊंगी, ख्याल रखने वाली, respect करने वाली, smile करने वाली, उसका हर वक्त ध्यान रखने वाली, क्या मैं फिर से उसकी अच्छी दोस्त बन पाऊंगी....।।

- सुप्रिया साहू




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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Shiv Charan Dass said

बहुत खूब सुप्रिया जी यह chat ही तो मन को चीट करता है

सुप्रिया साहू replied

सच कहा आपने, धन्यवाद सर जी 😊🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

अमित श्रीवास्तव said

आप ज़रूर फिर से वही सुप्रिया बन सकती हैं — या उससे भी बेहतर।

सुप्रिया साहू replied

धन्यवाद सर जी😊🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Swayam ke andar jhankna achhi baat aadat mani jati hai, aur uske baad apni khamiyon ko sweekarna evam un par mathapachhi ya vicharvimarsh karna ek shresth insan ki nishani...aap waakyi laazwaab likhati hain...aapki yeh rachna padhne ke bad gyat hota hai aap swayam ke prati behtar Imandaar hain.. Aapko saadar pranam 🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद सर जी 😊🥰, हमें प्रोत्साहित करने के लिए एवं हमारी भावनाओं को समझने के लिए तहेदिल से धन्यवाद, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Manju Sharma said

अति सुन्दर 👌👌

सुप्रिया साहू replied

शुक्रिया मैम 😊🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Tulsi patel said

बस इतना याद रखिए कि.... दिल ना, उम्मीद नहीं , नाकाम ही तो है.. । गहरी है ग़म की शान तो क्या हुआ? गुजर जाएगी.. शाम ही तो है ।।

सुप्रिया साहू replied

जी बिल्कुल तुलसी जी😊, धन्यवाद एवं आपको सादर प्रणाम 😊🥰🙏।

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