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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

माँ के ह्रदय का भय

सोचती हूँ,
लाडो जब तुम बड़ी हो जाओगी।

अपने आँचल में तुम्हें कैसे छुपा पाऊँगी मैं,
लाडो जब तुम घर से बाहर जाओगी,
ज़माने के निष्ठुर दरिंदों से तुम्हें कैसे बचा पाऊँगी मैं।

जाने वो सुबह कब आएगी,
जब खिलखिलाकर तुम हँसोगी,
पुष्प बनने से ही पहले तुम न कुचली जाओगी।

काश इस धरा का हर मानव राम बन जाए,
उसको हर नारी में अपनी माता नज़र आए।

तब खुली हवा में साँस ले पाओगी तुम,
तब निर्भय हो तुम जी सकोगी,
पंख मिल जाएँगे तुमको,
स्वच्छंद विचरण कर सकोगी।

तुमको भी मिल जाएगी अपनी धरा और आसमाँ,
मैं भी सुकून से रह सकूँगी,
मैं भी सुकून से सो सकूँगी।

— सरिता पाठक
( मौलिक रचना )




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

मां के हृदय में ये हमेशा भर बना रहता कि पुत्री जब ससुराल जायगी तो खुश रहेगी या नही,न जाने सांस कैसी होगी,पति कैसा होगा और बहुत सारी चिंताएं। मां का हृदय है , मानता ही नहीं।पर सरिता आप विश्वास रखिए आपको दामाद भी अच्छा मिलेगा समधन भी अच्छी मिलेगी, हमारी दुआ है, ऊपर वाले का ध्यान कीजिए। सादर प्रणाम करता हूं 🙏🙏🙏🙏

सरिता पाठक replied

भईया जी आप सभी की दुआओं की बहुत आवशयकता है मुझेआपके अपनत्व, स्नेह और आशीष के लिये बहुत बहुत धन्यवाद, मैं सदैब आपकी आभारी रहूंगी मुझे आत्मिक संबल देने के लिए सादर प्रणाम 🙏🙏

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना। वर्तमान परिस्थितियों में एक माता के मन के भावों का यथार्थ चित्रण किया आपने। 👌👌🙏🙏

सरिता पाठक replied

धन्यवाद यादव जी भईया जी को सादर नमस्कार 🙏🙏👏👏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

Bahot hi khoobsurat rachna! Jitni bhi baatein aapne likhi, har maa ko in baaton ki fikr rahti hai! Uski beti ko koi dukh kabhi chhoo bhi na paaye aur wo sadaa khush rahe aur ek khushhaal zindagi jee paaye! Bahot khoob, Sarita jee! Aadaab! 👌👌👏👏❤️🙏

सरिता पाठक replied

तहे दिल से शुक्रिया परवेज़ जी, आदाब 🙏🙏👏👏

सुप्रिया साहू said

माँ को हमेशा से भय रहता है अपने बच्चों के भविष्य के लिए, आज की दुनिया में दरिंदों की कमी नहीं है और पता नहीं यहां कोई राम बन पाएगा या नहीं तो...हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं आपकी बच्ची एक खुशहाल घर में जाएगी और खुशहाल जीवन व्यतीत करेगी, बहुत सुंदर रचना मैम 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

सरिता पाठक replied

धन्यवाद सुप्रिया जी 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

काश इस धरा का हर मानव राम बन जाए...heart touching lines 🙏🙏

सरिता पाठक replied

Thankyou reena 🌹🌹

सरिता पाठक replied

धन्यवाद 🌹🌹

फ़िज़ा said

Wah behtreen lazwab abhivyakti 👌👏

सरिता पाठक replied

शुक्रिया बहन, आदाब 👏👏

पवन कुमार "क्षितिज" said

वाह सरिता जी आपने अद्भुत रचना लिखी है..प्रथम लाइन से ही कमाल होना शुरू हो गया था ..गजब ..शायद इसे ही कहते है दिल की भावनाओं को शब्द देना...👌👌👌

सरिता पाठक replied

धन्यवाद पवन भईया जी नमस्कार 🙏🙏

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