भूल गया वो प्यार मेरा
भूल गया वो याद मेरी
भूल गया वो सुख के क्षण
करता है वो नफरत मुझ से
करता है वो गुस्सा मुझ पे
करता है वो दूरी मुझे से
भाग रहा वो प्रेम से मेरे
भाग रहा वो भावुकता से
भाग रहा वो मेरी भौतिकता से
आत्म सम्मान मेरा सब कुछ था
लो छोड़ दिया मैंनें इसे भी अब
बन बैठी प्रेम में भिखारी मैं
माँग रही हूँ झोली फैलाये
मेरा प्रेम मुझे लौटा दो फिर
मेरा क्षण मुझे लौटा दो फिर।
----भावना शर्मा