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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

प्रेम का दीप

नफरतों की आँधियों में पलता रहेगा,
ये प्रेम का दीप, यूँ ही जलता रहेगा।

एक के बुझने से दूसरा जल जाता है,
ये प्रेम का जादू है बस चल जाता है,
ये सिलसिला यूँ ही सदा चलता रहेगा,
ये प्रेम का दीप, यूँ ही जलता रहेगा।

शमा की चाहत में जलता है परवाना,
गाता है प्रेम का गीत हो कर दीवाना,
भावों के आवेग से ये मचलता रहेगा,
ये प्रेम का दीप, यूँ ही जलता रहेगा।

गम के बादलों में सूरज छिपता कहाँ,
सच्चा प्रेम किसी कीमत बिकता कहाँ,
ये वो दरख़्त जो फूलता-फलता रहेगा,
ये प्रेम का दीप, यूँ ही जलता रहेगा।

नफरतों की आँधियों में पलता रहेगा,
ये प्रेम का दीप, यूँ ही जलता रहेगा।
🖊️सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! क्या बात है — प्रेम की लौ को इतनी सुंदरता से शब्दों में बांध देना आसान नहीं…
ये कविता नहीं, दिल से निकली हुई रोशनी है — जो हर अंधेरे में उम्मीद बनकर टिमटिमाती रहेगी! 🕯️❤️

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद पचौरी सर।🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह सुभाष जी बहुत ही सुन्दर रचना। प्रेम की अमरता को खूबसूरत शब्दों से सजाया है आपने।👌🌹🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद समदिल सर।🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

लबालब कर दिये सर जी...ये प्रेम का दीप यूँ ही जलता रहेगा !!
शानदार गीत 👌👌
कमेनट्स का तो ऐसा है...लिखता ही चला जाऊँ..बस लिखता ही रहूँ !!
नमस्कार सुप्रभात 💝💝

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद सर जी।🙏🙏

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