प्रकृति- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
हरियाली की चादर ओढ़े,
धरती माता मुस्काती।
पानी की बूंद-बूंद,
जीवन की कहानी ।
गाती पक्षी चहचहाते,
फूल खिलखिलाते।
प्रकृति का सौंदर्य,
मन को मोह ले जाते।
आओ मिलकर संकल्प लें,
प्रकृति को बचाने ।
पेड़ लगाएं,
नदियां बचाएं।
प्रदूषण को मिटाने ,
हरियाली की ओर बढ़ें।
पर्यावरण को बचाने ,
मानवता की।
भलाई के लिए,
प्रकृति को अपनाने।