अंधेरे में भी दीप जले, यही सोच का उजियारा है,
संकट में भी मुस्काना, जीवन का प्यारा इशारा है।
जो गिर कर फिर उठ जाता है, वही असली विजेता है,
हर बाधा में अवसर ढूंढ़े, वह जीवन का ज्ञाता है।
हर सुबह नई आशा लेकर जब जीवन मुस्काता है,
सकारात्मक सोच का दीप तम को भी हर जाता है।
नैनों में हो स्वप्न सुनहरे, मन में हो विश्वास अडिग,
तब जीवन की हर राह लगे, जैसे कोई मीठा राग।
जो बीत गया, उसे छोड़ दो, अब जो है, उसे जी लो,
जो होगा कल, उस पर भी बस आज से आशा सी लो।
मुश्किलें राह की हों चाहे, हम तो चलना जानते हैं,
सकारात्मक सोच के रथ पर, हम तो सपना बुनते हैं
डॉ बीएल सैनी
श्रीमाधोपुर सीकर राजस्थान


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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