जिम्मेदारियों का राजस्व वसूल कर
सर्वस्व दे देने वाला शख्स और कोई नहीं केवल पिता है
पिता......रिश्ता, पद ही नहीं एक सर्वोच्च उपाधि है
एक ऐसी उपाधि जो कर्तव्य रूपी विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी डिग्री है
जहाँ एक माँ पिता हो सकती है और बड़ा भाई भी पिता
जिम्मेदारियों का असल बोध कराने वाला एक मात्र गुरु पिता ही तो है
एक ऐसा गुरु जो माँ के साथ मिलकर हमारे अंदर
सभ्यता, संस्कार, कर्त्तव्यपरायणता और न जाने क्या भर देता है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी