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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

एक नशीली गजल - फिर से बहाने देश साकी

कापीराइट गजल

नशे में आज मुझे फिर से बहकने दे साकी
तू इतनी पिला मुझे कि होश रहे न बाकी

बना कर जाम तू अपने हाथों से पिला दे
मैं रहा होश में अगर तो कहेंगे लोग शराबी

कोई भी नहीं है मुझ सा मजबूर यहां पर
किसी पे जोर मेरा अब नहीं चलता साकी

अगर तुम भी आज मुझ से यूं रूठ जाओगी
बचा नहीं सिवा इस के कोई मेरा साथी

नर्क सी जिन्दगी में अब रखा ही क्या है
आखिरी जाम कोई ऐसा तू पिला दे साकी

अब नहीं है किसी से यहां पर वास्ता कोई
मैं जिन्दा न रहूं जाम कोई ऐसा बना साकी

यही होता है अन्जाम पीने वालों का यादव
क्या छोड़ जाएंगे ये और क्या रहेगा बाकी

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

श्रेयसी said

वाह बहुत सुंदर ग़ज़ल, सुप्रभात,सादर प्रणाम 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित नमस्कार मेरी प्यारी बहना, गजल पसन्द आई उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

यही होता है अन्जाम पीने वालों का यादव क्या छोड़ जाएंगे ये और क्या रहेगा बाकी bahut gahari baat bahut Uttam saar, aur apni rachnaon me jaan daalna to aapki kalam ki anokhi khashiyat hai Sir ji, Sadar Pranam 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सर आपको सादर प्रणाम। आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए बेशकीमती है, मैं सदैव आपका शुक्रगुज़ार रहूगा।

सुभाष कुमार यादव said

मैं रहा होश में अगर तो कहेंगे लोग शराबी क्या बात है सर जी। बहुत सुंदर, रचनाकर्म का नशा एक बार चढ़ गया तो उतरेगा नहीं।🙏🙏🙏

Lekhram Yadav replied

यादव जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद सहित सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

Mere paas to apki rachnaon ke liye taarif mein shabd hote hi nahi hai fir bhi kuch likh dete hai comment mein, par kabhi kabhi hume samjh nahi aata ki kis tarah apki rachnaon ki tarif kare ab aaj bhi main kuch nahi kah paa rahi hu bas wahi kahna hai jo ashok bhaiyya ne kaha hai...🙏🙏

Lekhram Yadav replied

मेरी प्यारी बहना मुझे तो केवल आपकी उपस्थिति मात्र से ही प्रेरणा मिल जाती है, इसलिए कुछ न कहोगी तो भी मेरे लिए बहुत है। आपको धन्यवाद सहित सादर नमस्कार।

वन्दना सूद said

यही होता है अन्जाम पीने वालों का यादव क्या छोड़ जाएंगे ये और क्या रहेगा बाकी👏👏🙌🏻🙌🏻बहुत सुन्दर ग़ज़ल sir as always

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार वन्दना जी, प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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