हम दूर हुए हैं जुदा नहीं,
यह सह लेंगे हम।
दोस्त, गर खुदा ने चाहा,
फिर मिलेंगे हम ।
कोई कुएं तो नहीं है कि,
हिल भी न सकें।
पत्थर से बन गये तो क्या,
जरूर हिलेंगे हम ।
मिलाया तकदीर ने था,
शुक्रिया भी न कहा,
जब जुदा कर रही है तो,
क्यों जलेंगे हम ।
सुनो कहीं भूल ना जाना,
दिल से दूर ना जाना।
राह अलग है, मंजिल एक।
कभी साथ चलेंगे हम।
जब याद कभी आ जाए,
पलके न भिगोना।
पहले क्यों आँसु बहाएँ,
मिलके रो लेंगे हम।
© छगन सिंह जेरठी

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




