पता ना चला
कब तू मिला,
मिलके क्यों?
अपना सा लगा।
यूं आना करीब
मेरा तुझे,
जान मेरी क्यों?
दिलकश लगा।
सोचा ना था
मुकम्मल होगा,
प्यार तुझसे
इतना होगा।
खास बना
एहसास बना,
तू मेरा इकलौता
राज़ बना।
पता ना चला.....
पता ना चला
कब तू मिला।
मिलके क्यों
अपना सा लगा।
जो तू मिला
डर भी लगा,
फिर भी जाने क्यों?
सुकूॅं तो मिला।
कोई ख़्वाब
दिल में पलने लगा,
जब तूने ख़ुद को
मेरा कहा।
गीत बना
संगीत बना,
तू मेरे मन का
दीप बना।
हमदर्द बना
हमराही बना,
तू ही मेरी
कहानी बना।
पता ना चला...
पता ना चला
कब तू मिला,
मिलके क्यों?
अपना सा लगा।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐