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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

पास होकर भी तुम

कापीराइट गजल

पास, हो कर, भी तुम, दूर रहते हो
किन ख्यालों में गुम हुजूर रहते हो

दूर जाने से पहले ये बताते जाओ
किस बात से डरके हुजूर रहते हो

तेरे आने से मुझे, मिलती है खुशी
क्यूं इस खुशी से तुम दूर रहते हो

मेरी मौजूदगी भी नहीं पसन्द तुझे
साथ मेरे कहां तुम हुजूर रहते हो

आ गए हो अगर बात भी कर लो
क्यूं खफा हो कर तुम दूर रहते हो

बात करनी नहीं तो ना करो हमसे
यह किस नशे में तुम, चूर रहते हो

जी, भर के करो तुम, बात गैरों से
इस दिल में मगर तुम हुजूर रहते हो

तेरे, नसीब में है, दूर, रहना यादव
तभी तो अपनों से, यूं दूर रहते हो

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

श्रेयसी said

Bahut hin sundar rachna 👌👌 Saadar pranaam

Lekhram Yadav replied

आदरणीय श्रेयसी जी आपको सादर नमस्कार और इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

श्रेयसी said

Saadar pranaam 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार श्रेयसी जी

वन्दना सूद said

🙌🏻🙌🏻जवाब नहीं आपका 👌👌

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार वन्दना जी आपको गजल पसन्द आई उसे लिए आपका शुक्रगुज़ार हू।

कमलकांत घिरी said

वाह वाह लाज़वाब सर जी ये कविता कुछ अपना सा लगा दिल को छू लिया सर जी👌🫶👏, आपको सादर प्रणाम🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार कमलकांत भाई, कुछ एहसास होते हैं जो दिल को छू जाते हैं और कुछ पास से गुजर जाते हैं, यह गजल दिल को छूने वाली थी क्योंकि ये मेरे जीवन की वास्तविकता पर आधारित है। इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए दिल से धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah adhbhut sir ji ek sundartam ghazal maza hi aagya padhkar....Pranam Sweekar karein 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय यादव सर जी, प्रणाम। खूबसूरत ग़ज़ल, जानदार शानदार असरदार। दिल को सुकून देने वाली रचना। मजा आ गया। वाह!!

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