🌳पर्यावरण के पर्याय🌳
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वृक्ष,तरू,पादप, विटप
यहीं तो पर्यावरण की आन है
भू,धरा,वसुंधरा, अवनि के
यही तो एकमात्र प्राणाधार है
भूधर, पर्वत,गिरीं, कानन
वन यही तो बनाते हैं
पक्षी खग विहग चिड़िया🐦
घोंसला इन पर ही तो बनाते हैं
नभ ,रव, व्योम 🌧️अम्बर से
जल,वारि,नीर अम्बु💧
यही तों अवनि पर बरसाते हैं
सूर्य रवि दिनकर सविता से ऊर्जा लेकर भोज्य पदार्थ के रूप में हर प्राणी तक पहुंचाते हैं🌄🏝️🏞️🏝️🌿
पवन, वायु ,समीर ,बात ,बयार
शीतल शीतल यही तो लातें हैं
आकाश से लेकर मृदा, मिट्टी ,माटी
अग्नि ,आग ,अनल का संतुलन
यही तो बनाते हैं
मानव, मनुज, मनुष्य, इंसान
बरबस अपने ही हाथों से
जीवन धारा को गंवाते है
वृक्ष ,सखा ,मित्र ,दोस्त हैं पुराने
चलो इनसे दोस्ती निभाते हैं
आओ सारे मिलकर एक-एक
वृक्ष लगाते हैं
पर्यावरण, परिवेश माहौल, जलवायु के पर्याय यही तो कहलाते हैं🌳
मौलिक रचना
✍️#अर्पिता पांडेय