जब हम चाहते थे कि वो हमारे पास रहे,
तब वो हमारे पास नहीं थे।
और अब जब वो हमारे पास है,
तो हम चाहते हैं कि वो हमसे दूर रहे।
जब हम चाहते थे कि वो हमसे बात करे हमे याद करे,
तब वो ना तो याद करते थे ना ही बात करते थे।
और अब जब वो हमसे बात करना चाहते हैं,
तो हम चाहते हैं कि अब वो हमसे बात ना करे।
जब हम चाहते थे कि वो हमसे प्यार करे,
तब प्यार तो दूर वो हमारी तरफ़ देखते तक नहीं थे।
और अब जब वो प्यार करने लगे हमसे,
तो हम प्यार से दूर भागने लगे हैं।
जब हम चाहते थे कि वो कहीं ना कहीं दिख जाए हमे,
तब इंतज़ार के बावजूद भी वो नज़र नहीं आते थे।
और अब जब वो हमसे मिलने आते हैं,
तो हम जल्दी से निकल जाते हैं कि कहीं दिख
ना जाएं हम उनके।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




