पर्वत की ऊंचाई, इंसान का साहस,
सागर की गहराई, अनंत का विस्तार।
आसमान की उचाई, इंसान की उड़ान,
अनंत की अनंतता, इंसान की माया।
गहराइयों की गहराई, जैसे अंतरमन,
उसमें छुपी गुहारों में भी बसा है अनुभव।
जीवन के रहस्यों का सामना करें,
जैसे पर्वत की ऊँचाई से चमकते हैं सितारे।
इंसान की उपमा, विश्वास का पहाड़,
जीवन के समुद्र में तैरता विश्वास।
आसमान की चाहत, स्वप्नों की ऊंचाई,
जैसे इंसान के हृदय में बसी है आकांक्षा।
अनंत की अनंतता, जैसे विचारों की खोज,
उसमें छुपी अद्भुतता, अज्ञात का सामना।
इंसान की परिभाषा, व्याप्ति की सीमा,
जैसे अनंत की खोज में बनता है इतिहास।
इंसान का पर्वत, सागर, आसमान, अनंत,
सभी मिलकर बनाते हैं उसका सारंग।
उसकी अद्भुतता का गान गाती है प्रकृति,
जैसे कविता के पन्नों में लिखता है सत्य।
-अशोक कुमार पचौरी
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




