देश राजनीति से चलता है
अब भी चल रहा है
तुष्टिकरण की आग में
सारा देश उबल रहा है
साम ,दाम,, दण्ड, भेद की
नीतियां किधर किधर है
बदले की चिंगारी
धुआं धुआं जल रहा है
न्याय ही किसी के लिए
अन्याय बन जाता है
सत्ता की लोलुपता
अटल है, अटल रहा है
परिवर्तन की चाह में
लोगों ने जान गंवाई है
इतिहास जहां से चला था
वही से निकल रहा है
समुद्र के मंथन से
अमृत, विष निकलता है
देव-दानव की रस्साकसी
सृजन चक्र चल रहा है
बदले की राजनीति में
बदला बदला दृश्य है
हम भी बदलकर कह देंगे
हमारा देश बदल रहा है।।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




