कुछ लोग जिंदगी में अचानक से आते हैं
वो भी तब जब उनके आने के लिए सोचा तक नहीं था
ये लोग न कुछ जीतने के लिए आते हैं
और ना कुछ हारने के लिए आते हैं
बस आपको आपकी पहचान दिलाने के लिए
आपको आगे बढ़ाने के लिए
आपको खुद पर भरोसा दिलाने के लिए
कलाई पकडकर ना छोड़ने के लिए आते हैं
ऐसा नहीं है कि ये हमेशा साथ ही चाहते
आपके दुख दर्द को कुछ कम करना चाहते
दरिया में समय रूपी धारा में कुछ बह जाते हैं
कुछ पत्थर की तरह 'उपदेश' अडिग रह जाते हैं
पहले ये लोग अजनबी से लगते हैं
क्यों ...कब ...कहाँ...कैसे ..अनगिनत सवालों से
ये लोग कब अजनबी से खास बन जाते हैं
बस निस्वार्थ भाव से ये हमारे साथ होते हैं
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद