कठिन परिश्रम
शिवानी जैन एडवोकेटByss
कठिन परिश्रम वह सूरज है, जो भाग्य का तम हर लेगा।
अंधेरी रातों में भी अपनी, किरणों से उजाला भर देगा।
जो मेहनत की आग में जलता, वही सोना बनकर निकलता है।
बिना तपे तो लोहा भी अक्सर, बेकार ही पड़ा रहता है।
मत थक तू राहों में प्यारे, मत रुक तू किसी भी मोड़ पर।
कठिन परिश्रम की शक्ति से, तू हर बाधा देगा तोड़कर।
जो बूंद-बूंद से सागर भरता, वही महान कहलाता है।
कठिन परिश्रम की छोटी सी कोशिश, भी रंगत जीवन में लाती है।
यह जीवन एक संग्राम है प्यारे, यहाँ हर पल है एक चुनौती।
कठिन परिश्रम का तू अस्त्र उठा, और सफलता को कर अपनी होती।
मत देख तू कल क्या खोया था, आज मेहनत में ध्यान लगा।
कठिन परिश्रम ही बदलेगा, तेरे आने वाला हर प्रभा।
तो उठ और जुट जा काम में तू, मत कर अब कोई भी देरी।
कठिन परिश्रम की राहों पर ही, छुपी है मंज़िल तेरी।
यह तेरा ही तो भविष्य है, तुझे ही इसे बनाना है।
कठिन परिश्रम से ही पाएगा, तू जीवन का हर खज़ाना है।