मैं भीगी हूँ बारिश की बूंदों में
तू आंसु की बूंदों का पहचान कर ले...।।
मैं बैठी हूँ छत पर अकेले
तू मेरे अंदर का रहस्य जान ले....।।
जो दर्द मैं बहा रही हूँ पानी में
उसका हिसाब लगा ले...।।
मैं दीवानी हूँ बारिश की
इस दीवानी को थोड़ा तो पहचान ले...।।
- सुप्रिया साहू