तुम्हारे ख्याल से एक बूँद काफी प्यासे को।
तज्बीज कर लेगी मुस्कान अपने हिस्से को।।
हाथ मिलाने की वजह कोई एक नही मेरी।
पहले से बात फैली है सुना उडते किस्से को।।
उन पर ऐतबार पहले भी रहा आज भी है।
मोहब्बत ने बांधकर रखा 'उपदेश' रस्से को।।
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|
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हाथ मिलाने की वजह कोई एक नही मेरी।
पहले से बात फैली है सुना उडते किस्से को।।
उन पर ऐतबार पहले भी रहा आज भी है।
मोहब्बत ने बांधकर रखा 'उपदेश' रस्से को।।