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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

पापा ने मुझे संभाला है

कापीराइट गीत
कापीराइट हैपी फादर्स डे टू आल

मां ने मुझ को जन्म दिया पापा ने मुझको पाला है
मां ने मुझको ज्ञान दिया पापा ने मुझे संभाला है

मां ने मुझको ख्वाब दिखाए सबसे
पहले बचपन में
पापा ने साकार किए ये सपने सारे तन मन में
मां ने सिखलाया जीना पापा का रोल निराला है
मां मुझको ज्ञान दिया .............

ये सपनों की तस्वीर नई पाई है मम्मी पापा से
खुशियां सारी जीवन की पाई हैं मम्मी पापा से
हर मुश्किल से लङकर दोनों ने मुझे निकाला है
मां ने मुझको ज्ञान दिया .........

जो कुछ मम्मी से पाया पापा वो सब कैसे देते
ख्वाब किए पूरे पापा ने मुझ को खुशियां देते देते
मेरे लिए ही जिए मरे मुझको रोज संभाला है
मां ने मुझको ज्ञान दिया..........

भगवान से बढ़ कर होते हैं पापा मम्मी दुनियां में
इनसे ही पहचान है मेरी इस र॔ग- बिरंगी दुनियां में
इनके बिन सूना-सून हर मन्दिर और शिवाला है
मां ने मुझको ज्ञान दिया.........

काश मेरे मम्मी पापा रहते साथ मेरे घर में
खलती नहीं कमी उनकी मुझको अपने ही घर में
घर आ जा पापा मम्मी क्यूं मुझसे बैर निकाला है
मां ने मुझको ज्ञान दिया ............

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

ताज मोहम्मद said

आपकी ये रचना बहुत ही महत्वपूर्ण है। माता पिता से ही जीवन सार्थक होता है। बहुत ही उच्च विचार।

Lekhram Yadav replied

जी हां ताज भाई आपने बिल्कुल सही कहा है, हम अपने माता पिता की एक परछाई हैं। उनके बिना हमारे जीवन का अस्तित्व ही नहीं है। आपकी प्रतिक्रिया काफी सार्थक है। धन्यवाद सहित मेरा प्रणाम स्वीकार करें।

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुंदर happy father's day

Lekhram Yadav replied

Happy father's day my dear sister. Thanks to motivate my passion.

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