कविता : जिऊं की मरूं....?
तुम्हारे प्यार में
न खाना खा रहा
न कहीं जा रहा
न कहीं आ रहा
काफी दिन से
न पानी पी रहा
बहुत मुश्किल से
मैं यहां जी रहा
किसी भी हाल में
एक बार मिलने को आओ
अब मैं जिऊं की मरूं ?
तुम ही आ कर बताओ
अब मैं जिऊं की मरूं ?
तुम ही आ कर बताओ.......