~रात~
दिन गुजरते ही एक लम्बी रात होगी ,
कुछ अधुरे लम्हों से बात होगी ।
ना देखा है जिसे कभी ,
उनसे आज मुलाक़ात होगी ।
बातें तो रोज़ होती है उनसे
आज उनसे तकरार होगी ।
उठेगा पर्दा उनके चेहरे से ,
नजरों से नजरों की बात होगी ।
ना लब्ज़ कुछ कहेंगे
ना ही कोई आवाज़ होगी
बस दो दिल मिलेंगे
और मिलकर एक जान होगी ।
सोच कर ही आ जाती है होठो में ख़ुशी ,
ना जाने वह पल कितनी ख़ास होगी ।