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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इंसान वही अच्छा लगता है

इंसान वही अच्छा लगता है,
जो हमेशा मुस्कुराता रहता है।
ज़िंदगी में हो चाहे कितने ही गम,
पर चेहरे पे कभी उदासी नहीं लाता है।
इंसान वही अच्छा लगता है🖋

इंसान वही अच्छा लगता है,
जो कभी अपनी आंखों में आंसु नहीं आने देता है।
आ जाए ज़िंदगी में भले ही दुःखों के
कितने ही सैलाब,
पर आंखों को कभी नम नहीं होने देता है।
इंसान वही अच्छा लगता है🖋

इंसान वही अच्छा लगता है,
जो हो चाहे कितनी ही मुसीबतों में
पर हमेशा खिला - खिला रहता है।
चाहे मारे ये ज़माना कितना ही ताना,
पर जो हमेशा बिंदास रहता है।
इंसान वही अच्छा लगता है 🖋

इंसान वही अच्छा लगता है,
जो सबसे घुल मिल कर रहता है।
आ जाए चाहे कितनी ही ग़लत फहमियां रिश्तों में,
फिर भी रिश्तों को जो कभी टूटने नहीं देता है।
इंसान वही अच्छा लगता है🖋

"रीना कुमारी प्रजापत"




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lekhram Yadav said

मेरी प्यारी बहना अच्छा इन्सान बनाने के लिए शुक्रिया। किन शब्दों में आपकी तारीफ करूं समझ नहीं रहा।

रीना कुमारी प्रजापत replied

😊शुक्रिया

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sahi kaha Reena Mam, bahut hi samjhdaari se mujh besamjh insan tak aapki rachna pahuchi hai in chizon ka dhyan rakhkar achha insaan banane ki koshish karunga. Uttam rachna Pranam Sweekar Karein 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया

फ़िज़ा said

बहुत उम्दा लिखा आपने बहुत खूब

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