कभी देखे थे सर कट ते जवानो के,(2)
....आज अभिनंदन को वापस लौटते भी देख रहा हूं,
कभी देखी थी हमने ज़ंजीरें गुलामी की,
.... आज भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था
बनते भी देख रहा हूं,
....जो लोग सपेरों का देश कहते थे जिसे,(2)
आज उन देशों को वैक्सीन देता भारत भी देख रहा हूं,
.... और कभी 26/11 जैसे हमले देखे थे हमने,
पर आज नए भारत की सर्जिकल स्ट्राइक भी देख रहा हूं,
.... सर्जिकल स्ट्राइक भी देख रहा हूं,
जय हिंद, जय भारत
कवि राजू वर्मा द्वारा लिखित (कॉपीराइट)
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