नींद से बढ़कर योग नहीं है,
नींद से बढ़कर ध्यान नहीं है !!
नींद दवाई लाखों में इक,
नींद से बढ़कर काम नहीं है !!
दसों काम को छोड़ नहाओ,
सौ काम को छोड़के खाओ !!
हज़ार काम को छोड़के सोओ,
इसके सिवा आराम नहीं है !!
जब पैर पसारे सोना है इक दिन,
अभ्यास ज़रूरी भी तो है प्यारे !!
जो भी है सुख-चैन अभी है,
बाद में तो आराम नहीं है !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है