एक महान दार्शनिक बना
तो दूसरा
महान वैज्ञानिक बना
एक ने अपने विचारों में
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को उलट दिया
तो दूसरे ने अपने ज्ञान से
संसार को भयभीत कर दिया।
एक दिन नीत्शे ने
ईश्वर को मार दिया
तो एक दिन ओपेनहाइमर ने—
मानवता को।
दोनों ने अपनी
अद्वितीय बौद्धिक प्रतिभा का
भयंकर प्रदर्शन किया
लेकिन अन्त में—
दोनों ही बने
त्रासदी के बन्दी।
- प्रतीक झा 'ओप्पी'
चन्दौली, उत्तर प्रदेश