अमर उजाला काव्य पर पहले उपलब्ध रचना
एक सदी फिर से नई गुलजार होगी
अर्थ की जिसमे बहुत भरमार होगी
दोस्ती के वास्ते हम लोग तरसेंगे मगर
हर किसी के हाथ में तलवार होगी
गर हवाओं में नमी है दुआओं में कमी
वक्त के हाथों समझना हार होगी
सारे चेहरे अजनबी हो जायेंगे यहाँ तो
सर बचाने की अगर दरकार होगी
खामोशियों का अर्थ आलोचना होगा गर
हर किसी से बेवजह तकरार होगी
आदमी होकर खुदा से होड़ लेता है जो
दास उसकी जिन्दगी लाचार होगी II
शिवचरण दास

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




