कापीराइट गजल
नए साल में नए-नए लोगों में फेरबदल बदल होगी
जाने अनजाने लोगों में फिर से नई पहल होगी
नए साल में नए जोश से हम खुशियां नई मनाएंगे
सारी ख्वाहिश होंगी पूरी इतनी खुशियां दे जाएंगे
गम न हो कोई दिल में ये ऐसी नई पहल होगी
जाने अनजाने ---------
उम्मीदों से देख रही है, आज हमें दुनियां सारी
न जाने क्या रंग लाएगी
ये कोशिश आज हमारी
विश्व शांति की यारो फिर से नई पहल होगी
जाने अनजाने -----------
नाचें, गाएंगे, मस्ती में मौजूद मनाएंगे मिलकर
अपने लोगों के संग में दिल बहलाएंगे मिलकर
सुर संगीत के संग-संग फिर से नई गजल होगी
जाने अनजाने ----------
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
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