बदल गये हो मीत मेरे
अब तुम में पहले सी बात कहां
रूठ जब मैं जातीं थीं
झट से मना ले जाते थें
अब तो बात बात पर झिड़की देते हो
मन की खिड़की बन्द कर देते हो
अब नहीं रही वो पहले की रज़ा
ठीक कहते हैं लोग
प्यार मुहब्बत दो दिन की कहानी है
बाद उसके जिंदगी तो बेमानी है
साथ हम चलतें है क्यूंकि
वादा था साथ निभानें का
वरना बदल गये हो मीत मेरे
दिल के किसी कोने में पहली
मुहब्बत के निशा बाकी है
वो इकरार वो इनकार बाक़ी है
ये साथ निभानें को
तेरी एक मुस्कान काफ़ी है
✍️#अर्पिता पांडेय

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




