खुश होने की कोशिश करके मुझे बहलाओ ना।
हमराज बनाके तुम अपना मुझे आजमाओ ना।।1।।
क्यों अश्कों के सहारे अपनी बात कह रहे हो।
अगर कोई बात है तो उसे जुबान पर लाओ ना।।2।।
क्यों पल में खुश पल में गमज़दा हो जाते हो।
अपनी जिंदगी का हर लम्हा मुझे बतलाओ ना।।3।।
ये अश्क नहीं मोती हैं तुम्हारे सुनहरें ख्वाबों के।
इन्हें ऐसे ही बेवजह अपनी आंखों से गिराओ ना।।4।।
कोई ना कोई तो बात है दिल में आपके जरूर।
यूँ ऐसे झूठे बहानों से अपने मुझे झूठलाओ ना।।5।।
यूं ही तो बेवजह दिल किसी का ऐसे होता नहीं।
आँखें क्यों रोयीं है तेरी दर्द से मुझे बतलाओ ना।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




