मुबारक हो तुझे वो अनगिनत रिश्ते,
मुझसे तो सिर्फ़ तन्हाई ने बनाये रिश्ते।
मुबारक हो तुझे कामयाबियां,
हमारी तक़दीर में तो सिर्फ़ नाकामयाबीयां लिखी है।
मुबारक हो तुझे हर किसी से मिली तारीफ़ें,
हमे तो सिर्फ़ बदनामी मिली है।
मुबारक हो तुझे वो खुशियों भरा प्यार,
हमें तो सिर्फ गमों ने किया है प्यार।
मुबारक हो तुझे हर वो हसीन पल जिसमें खुशियां हो समाई,
हमारी ज़िंदगी में तो खुशियां सिर्फ़ मेहमान की तरह है आई।
मुबारक हो तुझे वो प्यार भरा संसार,
हमारा क्या है हमें तो नफ़रतें भी आ जाती है रास।
"रीना कुमारी प्रजापत"