लिखन्तु डाॅट काॅम के संचालन मंच के अधिकारियों, लेखकों, लेखिकाओं, कवियों, कवयित्रियों और प्रिय पाठकों को लेखराम यादव का एडवांस में धन्यवाद सहित नमस्कार।
आज से हम एक नया हास्य व्यंग्य संस्करण आपकी सेवा में प्रस्तुत करने जा रहे हैं जिसमें देश के नामी कलाकार अपनी अपनी कलाकारी का एक बेहतरीन नमूना पेश करते हुए आपका भरपूर मनोरंजन करने की कोशिश करेंगे। आशा है कि आप अरे ओ हरिया की तरह ही उन्हें सिर आंखों पर बैठा कर रखेंगे।
आज हमारी मोहब्बत की दुकान के स्टूडियो में तशरीफ लाए हैं - हरिया और दरिया जिन्हें चन्द दिन पहले ही 'अनाम शायर' के किताब से नवाजा गया है। आइए अब उन्हीं की जुबानी कुछ सुनते हैं-
संयोजक - हरिया और दरिया जी आप हमारे स्टूडियो में तशरीफ लाए इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
दोनों एक साथ बोलते हुए- आपने हमें अपने स्टूडियो में आमंत्रित किया इसके लिए आपका शुकरिया।
संयोजक- वैसे तो आप दोनों की कविताओं और शेर ओ शायरी से पूरा देश वाकिफ है।लेकिन मैं हरिया जी पूछना चाहूंगा कि वो अपन बारे में कुछ जानकारी दें।
हरिया - जनाब अब हम क्या बताएं अपने बारे में, हमारी जिन्दगी तो एक खुली किताब है, जब मर्जी उठाकर पढ़ लीजिए। फिर भी हम वो शयर हैं जो अपने श्रोताओं को अपनी शायरी से इस तरह से विभोर कर देते हैं जैसे सावन में अन्धे को हर ही हरा नजर आता है, और हमारी शायरी के अलावा उन्हें कुछ अच्छा नहीं लगता।
संयोजक - हरिया जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, अब में दरिया जी से अनुरोध करता हूं कि वे अपने बारे में कुछ बताएं।
दरिया - शुक्रिया जनाब आपने हमें यहां बुलाने का अवसर दिया। हमारे बारे में सारा भारत जानता है इसलिए बताने के लिए कुछ बचा नहीं है। हां, हम इतने दरियादिल हैं कि अपने श्रोताओं को तब तक कविताएं सुनाते हैं जब तक हमारे पेट का दर्द ठीक न हो जाए और श्रोता को नींद न आ जाए।
संयोजक - आज एक आध शेर हमें भी सुनाइए।
दरिया - देखिए सर हम कभी खुद के बनाए हुए शेर कभी नहीं सुनाते, सब इधर उधर से लेकर सुनाते हैं। अब आपने आग्रह किया है तो एक मुक्तक आपको सुना देता हूं। इससे ज्यादा सुनने की जिद मत करेगा, क्योंकि यदि इसके मूल रचनाकार ने सुन लिया तो कोर्ट केस कर देगा।
लीजिए पेश है -
मिलना बिछड़ना किस्मत का खेल है
कहीं खुशी तो कहीं दिलों का मेल है
बिकते हैं ये सभी रिश्ते इस दुनियां में
सिर्फ ये दोस्ती ही 'नाट फार सेल' है
डिस्क्लेमर - हम यह घोषणा करते हैं कि इस रचना के हम रचियता कतई नहीं हैं, हम इसे सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन के लिए फारवर्ड कर रहे हैं।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




