कविता : याद आ रही....
वह तुम्हारी जुबान
याद आ रही
वह तुम्हारी मुस्कान
याद आ रही
वह तुम्हारा चलना
याद आ रही
वह तुम्हारा मचलना
याद आ रही
वह तुम्हारा बैठना
याद आ रही
वह तुम्हारा उठना
याद आ रही
वह तुम्हारा प्यार
याद आ रही
वह तुम्हारा दुलार
याद आ रही
वह तुम्हारी काया
याद आ रही
वह तुम्हारी छाया
याद आ रही
वह तुम्हारी हस्ती
याद आ रही
वह तुम्हारी मस्ती
याद आ रही
वह तुम्हारी हर चीज
याद आ रही
इसी लिए तो मेरी
जान जा रही
इसी लिए तो मेरी
जान जा रही.......