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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मिला नहीं कोई

कापीराइट गजल

           मिला नहीं कोई

जिन्दगी में मुझे ऐसा, मिला नहीं कोई
यूं हंस कर गुलाब सा खिला नहीं कोई

 बदलते हुए करवटें गुजारी हैं कई रातें
चांद पहले कभी ऐसा, खिला नहीं कोई

 देखा है तुझे चलते जिन राहों में हमने
उन राहों में मेरे जैसा चला नहीं कोई

 यह साथ तेरा जब से हमें नसीब हुआ
साथ हमको कभी ऐसा मिला नहीं कोई

 यूं तो देखे हैं यहां, कई हंसी चेहरे हमने
मगर ये चेहरा तेरे जैसा दिखा नहीं कोई

 खुशबू, आई है जिधर से, ये हवा में तेरी
यूं झोंका ऐसा हवा का, मिला नहीं कोई

 यहां फिर रहे हैं सभी झलक तेरी पाने को
शबाब ऐसा किसी पर खिला नहीं कोई

 एक, बार जिसे तू, नजर भर के देख ले
होश में शख्स फिर वो, रहा नहीं कोई

 तेरी आंखों से जानम छलकता है नशा
ये नशा कहीं मुझे ऐसा मिला नहीं कोई

 गजल, तुम पर लिखना, चाहता है जो
वो शायर मुझे कहीं, मिला नहीं कोई

फिर रहे हैं ये तुझ में कमी ढूंढने वाले
कहीं मौका उन्हें ऐसा, मिला नहीं कोई

 इन जादू भरी निगाहों में खो गए यादव
ये जादू कहीं पे ऐसा, दिखा नहीं कोई

 -    लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

सुप्रिया साहू said

बहुत सुंदर एवं लाजवाब ग़ज़ल सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित सादर नमस्कार सुप्रिया जी, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद।

इक़बाल सिंह “राशा“ said

लेखराम यादव जी
हर शेर में मोहब्बत, तड़प और रूहानी ख़ूबसूरती झलक रही है। ख़ासकर “तेरी आँखों से जानम छलकता है नशा” और “यूं हंस कर गुलाब सा खिला नहीं कोई” जैसे शेर दिल में सीधा उतर जाते हैं। भीतर खूब आपको सादर प्रणाम

Lekhram Yadav replied

महोदय, आपकी उत्कृष्ट प्रतिक्रिया से मैं अभिभूत हूं, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं स्वागत, आपको सादर नमस्कार।

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ही ख़ूबसूरत रचना! बेहतरीन! 👌👌👏👏 आदाब, यादव जी!

Lekhram Yadav replied

अहमद भाई आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं स्वागत, आपको सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

बहुत ख़ूब लाज़वाब दिलकश रचना। सुप्रभात सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक शुक्रिया मेरी प्यारी बहना, आपको सादर नमस्कार।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आदरणीय लेखराम जी सादर प्रणाम 🙏 आपकी ग़ज़ल का जवाब नहीं सर जी, शब्द शब्द शानदार, पंक्ति पंक्ति जानदार, उत्कृष्ट ग़ज़ल 👌🙏 जो पढ़े तो बिना गुनगुनाए रह नहीं सकता। वाह क्या बात है।

Lekhram Yadav replied

समदिल जी इतनी खूबसूरत सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं स्वागत, आपको सादर नमस्कार।

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना।👌👌🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सुभाष जी, आपको सादर नमस्कार।

वन्दना सूद said

बहुत खूबसूरत रचना sir
हर पंक्ति अपनी सी लगती है 😊👌👌

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं स्वागत, आपको सादर नमस्कार।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Aadarneey Yadav sir ji ko saadar pranam 🙏
Bahut sundar rachna prstut ki aapne aadarneey ...man rang gaya aapki rachna main....🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सर जी, आपको सादर नमस्कार।

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